Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare...
Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare.........................

Monday, July 25, 2011

कान्हा के नाम चिट्ठी - चंद्रानी पुरकायस्थ (पिंकी )


कान्हा कान्हा , जीवन अजब पहेली,
सुख दुःख बुन बुन जाल बनायो,
बांध गयो तू निर्मोही.
भूल भुलैया मन पथ ,
कभी धुप, कभी छाया,
पथ  भटका  वह हर कोई ,
जो तेरी शरण न आया .
अंतर मन में महल बनायो,
भक्ति  राखि प्रहरी,
ज्ञान ज्योत जला दे अब तो  ,
  देखू सूरत तेरी ,













Friday, July 22, 2011

Some words of knowledge

One of my friend "Sudesh Saini"  posted some terms with their meanings in Krishna's world group in Facebook.I liked that post very much and thats why going to share in this blog :



Bhakti :- See God Every Where
Simran : – I Am Nothing
Foolishness : – Opening Your Mouth
Fakir : – Thoughtless
Saint :- End Of Self
Nobel Character : – Seer Of God Everywhere
Vatan :- Vatan = Aatma
Pardesh :- Body
Samadhi : – Samatav Buddhi
Manushay : – Man Ka Ishwar
Alarm : – Allah + Ram
Duniya : – Do Mein Nayay
Death : – Change Of Address
Unconscious : - Route Of Sorrow
How true... close your eyes and take a deep breath.... here is peace.....love u krishna........................

Friday, July 1, 2011

darshan de ghanshyam : anmol khajana

दर्शन दो  घनश्याम : 
भजन : सूरदास जी : अनमोल खजाना


दर्शन दो  घनश्याम   नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे...
मन मंदिर की ज्योत जगा दे , घट घट के वासी रे,
दर्शन दो  घनश्याम   नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे...
मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी ना दिखे सूरत तेरी,
युग बीते ना आई मिलन की पूर्णमासी रे...
दर्शन दो  घनश्याम   नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे...
द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर मैं गूंगा  बोले,
अंधा देखे लंगडा चले, कर  पहुंचे  कासी  रे..
दर्शन दो  घनश्याम   नाथ, मेरी अंखिया प्यासी रे...

 

Vrindavan ki dhul banade...........................

 कान्हा के नाम चिट्ठी - चंद्रानी पुरकायस्थ

वृन्दावन की धूल बनादे ,
मुझको इ
न चरणों में बसा ले.
मुझे पावन बनाले ओ कान्हा मेरे प्यारे.
मुझे चरणों में सजाले ओ कान्हा मेरे प्यारे .
जनम जनम से तुझको पुकारूँ ,
बोल किस बिध तुझको  में पाऊ.
मुझे अपना बनाले, ओ कान्हा मेरे प्यारे,
 मुझे गरवा लगा ले , ओ कान्हा मेरे प्यारे .
ज्ञान भक्ति मैं तो न जानू,
तू हैं अपना बस वही पहचानू,
मोहनी सूरत दिखादे, ओ कान्हा मेरे प्यारे.
मुझे पायल बनाले, ओ कान्हा मेरे प्यारे.
जीवन अपना तुझ पर अर्पण,
स्वीकारो यह सहज समर्पन ,
अपनी छाव में छुपाले, ओ कान्हा मेरे प्यारे,
जनम के फेरे मिटा दे , ओ कान्हा मेरे प्यारे .