Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare...
Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare.........................

Sunday, September 11, 2011

कान्हा के नाम चिट्ठी - तुम बिन कौन सहारा -पिंकी पुरकायस्थ




तेज भयो  अँधियारा ,
बिजली नाचत , सावन गगन में,

काँपत  हिय नन्दलाला .
तुम बिन कौन सहारा .

राह  चुनू जो  तुम तक जाये,
तुम बिन  कछु  न सुहाए ,
लोभ मोह से धुंदला अंतर 
राह भुलाता जाये ,

कैसे आऊँ दर तक तेरे   ,
तू जो न हो राह दिखाने वाला ,
तुम बिन कौन सहारा .

आकर थामो कलैया मेरी ,
 माधब  मन मोहना .
तुम बिन कौन सहारा .  





3 comments:

  1. bahut sunder kanaha ke liye likhi prem ki chitthi .asha karte hai .kanah jaroor pade.....

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  2. कितने रूप मेरे कितने रंग है
    हर वक़्त कन्हिया अपने चाहने वालों के संग है
    थोडा नटखट हूँ पर साफ़ मेरा मन हे
    कितने रूप मेरे कितने रंग है

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  3. dhanyabad Gurjar ji... kanha har rup har rang mein mera sath nibhate rahe..bas yhi mangti hoon kanha se..

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